Friday, 25 September 2015

सपा और भाजपा के बीच गुप्त गठजोड़ --- रिहाई मंच

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RIHAI MANCH
For Resistance Against Repression
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मोदी और अमित शाह से गुप्त बैठक के बाद महागठबंधन से अलग हुए मुलायम-रिहाई मंच :
मोदी और अमित शाह से मुलायम और राम गोपाल की मुलाकात पर क्यों चुप हैं आजम खान रामगोपाल के बेटे अक्षय यादव और बहू रिचा यादव को यादव सिंह ने पहुंचाया लाभ जेल जाने के डर से मुलायम का कुनबा भाजपा  को बिहार में कर रहा है मदद। 
लखनऊ 13 सितम्बर 2015 : रिहाई मंच ने मीडिया में आई इन रिपोर्टाें को सपाका भाजपा के साथ गुप्त तालमेल साबित करने वाला बताया है जिसमें तथ्यों केसाथ यह बताया गया है कि बिहार चुनाव में राजद, जदयू और कांग्रेस के महागठबंधन से अलग होने का निर्णय मुलायम सिंह ने मोदी और अमित शाह सेगुप्त मुलाकात के बाद लिया है।
रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने जारी प्रेस रिलीज में कहा है किजिस तरह मीडिया में आई रिर्पोटें यह बता रही हैं कि 27 अगस्त को मुलायमसिंह यादव और उनके भाई रामगोपाल यादव ने नरेंद्र मोदी से एक घंटे तक बंदकमरे में बैठक की और उसके बाद ही बिहार चुनाव के लिए महागठबंधन की तरफ से30 अगस्त को होने वाली स्वाभिमान रैली में खुद शामिल न होने सम्बंधित बयान दिया और रैली में शिवपाल यादव के शामिल होने के ठीक दूसरे दिन 31अगस्त को फिर रामगोपाल यादव और अमित शाह के बीच एक घंटे तक मुलाकात केबाद, 2 सितम्बर को जिस तरह सपा ने महागठबंधन से अपने को अलग कर लिया वहसपा और भाजपा के रिश्ते को उजागर करने के लिए पर्याप्त है।
रिहाई मंच नेता ने कहा कि जिस तरह रिपोर्ट में यह बताया गया है कि अमितशाह और रामगोपाल यादव के बीच 31 अगस्त को हुयी बैठक अमित शाह और बिहारचुनाव में उसके गठबंधन के दूसरे सहयोगी दलों लोजपा, हिंदुस्तान अवाममोर्चा, आरएलसपी के नेताओं के साथ दोपहर के भोजन से ठीक पहले खत्म हुयीवह यह भी साबित करता है कि भाजपा और उसके घटक दल सीटों के बंटवारे में सपा की अपने पक्ष मंे भूमिका निभा पाने की क्षमता को भी ध्यान में रख रहेहैं। रिहाई मंच नेता ने कहा कि मुलायम और भाजपा के बीच गुप्त गठजोड़ पर सपा के मुस्लिम चेहरे आजम खान को अपना पक्ष रखना चाहिए और यह बताना चाहिएकि बहुत ज्यादा बोलने वाली उनकी जबान इस मसले पर खुद अपनी मर्जी से खामोशहै या फिर मुलायम परिवार के दबाव मंे खामोश है।
रिहाई मंच नेता राजीव यादव और शाहनवाज आलम ने कहा कि महागठबंधन से अलगहोने की वजह सपा के नेता यह बता रहे हैं कि उन्हें गठबंधन में उनकीहैसियत से कम सीटें दी जा रही थीं। जबिक वे यह नहीं बता रहे हैं कि उनकीवहां कोई हैसियत ही नहीं है और 2010 के चुनाव में सपा ने जिन 146 सीटांेपर चुनाव लड़ा था उन सबमंे उसकी जमानत जब्त हो गई थी। रिहाई मंच नेताओंने कहा कि गुजरात में भी मुलायम सिंह सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारकरभाजपा को इसी तरह मदद पहंुचाते रहे हैं। रिहाई मंच नेताओं ने कहा किबिहार चुनाव में चाहे जीत जिसकी हो यूपी में मुलायम और उनके परिवार कीमुस्लिम के प्रति भीतरघात वाली राजनीति का खात्मा अब तय है क्योंकि अबमुसलमान उनके असली भगवा चेहरे को पहचान चुका है और वह अब सपा के लिएमुस्लिम वोटों का जुगाड़ करने वाले उसके मुस्लिम चेहरों की भी सच्चाई जानचुका है जो विधानसभा में भारी तादाद में होने के बावजूद आज तक मुसलमानोंसे किये गये चुनावी वादों पर एक शब्द तक नहीं बोलते हैं।
रिहाई मंच नेताओं ने कहा कि मीडिया में आया यह रहस्य उद्घाटन कि रामगोपाल यादव के बेटे और फिरोजाबाद से सांसद अक्षय यादव और उनकी पत्नी रिचा यादवको यादव सिंह के करीबी राजेश कुमार मनोचा की कम्पनी एनएम बिल्डवेल और मैक्काॅन इंफ्रा के मालिक जिसकी डायरेक्टर यादव सिंह की पत्नी कुसुमलताभी रह चुकी हैं में रजिस्ट्रार आॅफ कम्पनीज (आरओसी) के मुताबिक दस हजारशेयर हैं और जिसकी जांच आयकर विभाग कर रहा है, साफ करता है कि मुलायमसिंह यादव का पूरा कुनबा भ्रष्टाचार में आकंठ डूबा हुआ है और इसीलिए यादवसिंह मामले की सीबीआई जांच के अदालती आदेश के खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट तकमें जाती है। यादव परिवार जेल जाने की डर से भाजपा को चुनावी लाभपहंुचाने के लिये बिहार में प्रत्याशी खड़े कर रही है। रिहाई मंच नेताओंने कहा कि संगठन जल्द ही सपा और भाजपा के बीच पिछले दो दशकांे से चल रहे गुप्त गठजोड़ और उसके द्वारा संघ परिवार के मुस्लिम विरोधी एजंेडे को आगे बढ़ाने की कोशिशों पर दस्तावेज जारी करेगा।




 संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त यश

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