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***कामरेड अंजान ने पंचायत में आए हुये किसानों को सूचित किया कि जैसा कि , मशहूर शायरा और एक्ट्रेस मीना कुमारी का कहना था :
मसर्रत पे रिवाजों का सख्त पहरा है
ना जाने कौन सी उम्मीद पर दिल ठहरा है
तेरी आँखों से छलकते हुये इस गम की कसम
ये दोस्त दर्द का रिश्ता बहुत गहरा है
उन्होने भी किसानों के दर्द के साथ गहरा रिश्ता बनाया है और इसीलिए किसानों के लिए किसी भी बड़े से बड़े आंदोलन में भाग लेने के लिए वह सदा तैयार रहते हैं। ***
लखनऊ,20 मई 2016 :
किसानसभा के स्थापना दिवस 11 अप्रैल 2016 से 'किसान जागरण यात्रा ' का प्रारम्भ संगठन के संस्थापक स्वामी सहजानन्द सरस्वती जी की जन्मस्थली गाजीपुर से राजेन्द्र यादव,पूर्व विधायक और महामंत्री उ प्र किसानसभा के नेतृत्व में प्रारम्भ हुआ था जो 35 जिलों का भ्रमण करते हुये लखनऊ के चिनहट क्षेत्र में 19 तारीख को पहुँच गई थी जिसने 20 तारीख को चारबाग रेलवे स्टेशन पहुँच कर विभिन्न जिलों से आए हुये किसान साथियों को साथ लेकर अपने राष्ट्रीय महामंत्री कामरेड अतुल कुमार सिंह 'अंजान ' के नेतृत्व में एक विशाल मार्च निकाला जो उत्तर प्रदेश विधासभा क्षेत्र के जी पी ओ पार्क में गांधी प्रतिमा पर धरना - सभा में परिवर्तित हो गया जिसकी अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष पूर्व विधायक इम्तियाज़ बेग ने की । प्रारम्भ में चारबाग में इप्टा के कलाकारों ने भी किसानों के उत्साह वर्द्धन हेतु अपनी प्रस्तुति दी।
सभा में विभिन्न किसान नेताओं ने अपने विचार तथा यात्रा-वृतांत सुनाये। खेत मजदूर सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष , पूर्व सांसद विश्वनाथ शास्त्री जी भी सभा को संबोधित करने वाले वालों में प्रमुख थे। उत्तर प्रदेश भाकपा के प्रदेश सचिव गिरीश चंद्र शर्मा ने अपने 9 और 10 मई के बुंदेलखंड दौरे का विस्तृत वर्णन किया और खेद जताया कि वह राजेन्द्र यादव के अनुरोध के बावजूद किसान जागरण यात्रा में शामिल नहीं हो पाये।(ज्ञातव्य है कि किसान जागरण यात्रा 11 से 14 मई तक बुंदेलखंड क्षेत्र में आने वाली थी। ) गिरीश जी ने कहा कि वह बीमारी के बावजूद किसानों के साथ पार्टी की एकजुटता दिखाने के लिए उपस्थित हुये हैं। बुन्देल खंड समस्या पर आगामी 20 जून को छह पार्टियों की ओर से धरना देने का आयोजन कर रहे हैं। मीडिया ने उनके वक्तव्य को चटकारा लेते हुये प्रकाशित किया है। :
उत्तर प्रदेश किसानसभा के महामंत्री और जागरण यात्रा के संयोजक राजेन्द्र यादव ने अपने उद्बोधन में बताया कि अभी तक सरकार द्वारा दिये आश्वासन के बावजूद बंद चीनी मिलें चालू नहीं हुई हैं, प्रदेश में सड़कों की स्थिति सबसे अधिक दयनीय है,गड्ढा युक्त सड़कों के कारण आए दिन दुर्घटना होती हैं, अनियमित विद्युत कटौती से प्रदेश का किसान ,व्यापारी,छात्र,महिलाएं सभी परेशान हैं। नहरों में टेल तक पानी नहीं पहुँच पाता। इस वर्ष दैवीय आपदा के कारण किसानों की फसल बीमा एवं फसल मुआवजा तो केंद्र और राज्य सरकार द्वारा घोषित धन राशि का लाभ प्रदेश के 70 प्रतिशत किसानों को प्राप्त नहीं हो सका है। इन सब महत्वपूर्ण मांगों को लेकर यह यात्रा 11 अप्रैल 2016 से गाजीपुर से चल कर बुंदेलखंड समेत 35 जिलों का परिभ्रमण करते हुये राजधानी पहुंची है। किसानसभा की दूसरी यात्रा को मथुरा से चल कर यहाँ संयुक्त होना था किन्तु पश्चिमाञ्चल के जिलों ने 7 से 14 दिन की जिलावार यात्राएं वहीं सम्पन्न कर लीं और यहाँ तक नहीं पहुँच सके। दो माह बाद वह खुद उन जिलों में किसान जागरण यात्रा निकालने का प्रयास करेंगे।
राजेन्द्र जी ने बताया कि उन्होने जाति- धर्म और दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर केवल किसानों के हितार्थ इस यात्रा का संयोजन किया था इसी लिए सपा, बसपा,कांग्रेस और भाजपा के लोग भी उनके मंच से आकर किसान जागरण यात्रा का समर्थन कर गए थे। कांग्रेस नेता जनार्दन राय तो सभा में भी उपस्थित थे। राजेन्द्र जी ने मुख्यमंत्री व सपाध्यक्ष द्वारा वार्ता के लिए बुलाये जाने के संदर्भ में कहा कि वह किसान हितों के लिए किसी से कोई समझौता नहीं करेंगे और यदि मांगे नहीं मानी गईं तो उग्र आंदोलन चलाया जाएगा।
किसानसभा के राष्ट्रीय महासचिव कामरेड अतुल अंजान ने अपने वृहद सम्बोधन में संवाद शैली के माध्यम से किसानों को यह समझाने का अथक प्रयास किया कि वे जाति-धर्म,गोत्र-क्षेत्र,वाद-प्रतिवाद में न फंस कर एकजुटता बनाएँ अन्यथा उनका जीवन और दुष्कर होता जाएगा। किसानों की आत्म -हत्याओं का ज़िक्र करते हुये उन्होने बताया कि वह खुद भी आंध्र व तेलंगाना में किसान पद-यात्राओं में इसी लिए शामिल हुये कि किसानों को आत्म-हत्या के कदम उठाने से रोका जाये। उन्होने किसानों को आगाह किया कि वे अपनी ज़मीन कतई न बेचें क्योंकि आने वाले समय में यही ज़मीन उनके बच्चों को भूख से बचा सकेगी। बिल्डरों के षडयन्त्रों से सावधान रहने को उन्होने किसानों को जागरूक किया। उन्होने बताया कि मीडिया में टी वी चेनल्स और अखबार के जरिये कैटरीना कैफ व दीपिका पादुकोण के किस्से इसलिए उछलते हैं कि किसान इन सब में व फूट के मामलों में उलझ कर अपनी समस्याओं पर आवाज़ न उठा सके । मीडिया के संबंध में उनकी चेतावनी का नमूना इससे ही स्पष्ट है कि उनके वक्तव्य को काट-छांट कर सिर्फ इस रूप में छापा गया है। :
कामरेड अंजान ने पंचायत में आए हुये किसानों को सूचित किया कि जैसा कि , मशहूर शायरा और एक्ट्रेस मीना कुमारी का कहना था :
मसर्रत पे रिवाजों का सख्त पहरा है
ना जाने कौन सी उम्मीद पर दिल ठहरा है
तेरी आँखों से छलकते हुये इस गम की कसम
ये दोस्त दर्द का रिश्ता बहुत गहरा है
उन्होने भी किसानों के दर्द के साथ गहरा रिश्ता बनाया है और इसीलिए किसानों के लिए किसी भी बड़े से बड़े आंदोलन में भाग लेने के लिए वह सदा तैयार रहते हैं। उन्होने स्पष्ट कहा कि वह जिस संगठन के राष्ट्रीय महा सचिव पद पर हैं वह स्वामी सहजानन्द सरस्वती जी के वैज्ञानिक समाजवाद के दृष्टिकोण का अनुगामी है। इन्दु लाल याज्ञनिक,महात्मा गांधी और नेताजी सुभाष चंद्र बोस इस किसानसभा के अध्यक्ष रह चुके हैं। बंगाल किसानसभा के अध्यक्ष पद को सुशोभित करने वालों में स्वामी विवेकानंद के बड़े भाई भी शामिल रहे हैं। लखनऊ जिले के ही काकोरी में क्रांतिकारी चंद्रशेखर आज़ाद,रोशन सिंह,आदि नेता सभी किसानों के पुत्र ही तो थे। (यद्यपि कामरेड अंजान ने बताया नहीं किन्तु उन क्रांतिकारियों का साथ देने वालों में तथा बटुकेश्वर दत्त के साथ काला पानी की सजा काटने वालों में उनके पिता श्री अयोध्या सिंह जी भी शामिल थे )।
कामरेड अंजान ने उपस्थित किसानों के माध्यम से यह भी बताया कि , किसानसभा के केंद्रीय कार्यालय में उन्होने दो लाख रुपये मूल्य की किताबें संग्रहित करा दी हैं जिंनका लाभ किसानों की आने वाली पीढ़ियाँ भी उठा सकेंगी। इतनी प्रचंड गर्मी में किसानों ने अपने हक के समर्थन में जागरण यात्रा में भाग लिया और 46 डिग्री तापमान में लखनऊ में धरने पर बैठे इसके लिए उनके प्रति कामरेड अंजान ने आभार व्यक्त किया । साथ ही साथ किसान परिवारों के आबाल-वृद्ध सभी को उन्होने धन्यवाद दिया कि अपने परिजनों को उन लोगों ने इस किसान महापंचायत में भाग लेने हेतु भेजा। यात्रा और धरने में शामिल महिलाओं के प्रति उन्होने कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होने किसान पंचायत में यह घोषणा भी की कि जब कभी भी किसानसभा की सरकार बनेगी राजेन्द्र यादव को किसान स्वतन्त्रता आंदोलन का 'स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी' घोषित किया जाएगा। उनका योगदान भुलाया नहीं जा सकता है।
प्रशासन की ओर से SDM साहब द्वारा किसानसभा का मांग-पत्र ग्रहण किया गया। इसकी प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं :
1. राष्ट्रीय किसान आयोग (स्वामीनाथन आयोग) की संस्तुतियों को केंद्र और राज्य सरकारें तत्काल लागू करें।
2. 60 वर्ष के सभी स्त्री-पुरुष किसानों,खेत मजदूरों,ग्रामीण दस्तकारों को 10,000 रु. ( दस हजार रुपया) मासिक पेंशन केंद्र व राज्य सरकारें मिलकर देना सुनिश्चित करें।
3. किसानों के सहकारी-सरकारी कर्ज़ माफ किये जायें एवं उन्हें रबी-खरीफ पर ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जाये।
4. कृषि उत्पादों का लाभकारी मूल्य (लागत पर पचास फीसदी जोड़ कर) दिया जाय।
5. भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को तत्काल वापस लिया जाय।
6. केरल राजयकी भांति किसान कर्ज़ एवं आपदा राहत ट्रिब्यूनल की स्थापना की जाय।
7. खेती किसानी के लिए बिजली की बढ़ी दरों को वापस लिया जाय, साथ ही सस्ती एवं अबाध बिजली 18 घंटे उपलब्ध कराई जाय।
8. नहरों की टेल तक वास्तविक सफाई कराकर पानी खेतों में पहुँचने का पुख्ता प्रबंध किया जाय।
9. प्रदेश के किसानो के निजी नलकूपों को अन्य राज्यों की तरह मुफ्त बिजली की व्यवस्था की जाय।
10. नंदगंज,रसड़ा,छाता,देवरिया,औरैया,शाहगंज चीनी मिलों को चालू किया जाय।
11. शिक्षा व चिकित्सा व्यवस्था को सरकार अपने हाथ में ले।
12. गन्ने का सामान्य मूल्य 450 रु. किया जाय एवं गन्ने का बकाया भुगतान किया जाय।
13. प्रदेश में रबी व खरीफ की फसल बर्बाद होने के बाद केंद्र व प्रदेश की सरकारें क्षतिपूर्ति देने का वादा करें या अब तक लगभग 33%किसान लाभान्वित हुए हैं शेष किसानों को तत्काल क्षतिपूर्ति दी जाय।
सभाध्यक्ष द्वारा उपस्थित किसान समुदाय व स्थानीय जनता को धन्यवाद देने के बाद सभा समापन की घोषणा की गई।
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(कामरेड अंजान और राजेन्द्र यादव जी के अतिरिक्त अर्चना उपाध्याय जी,जितेंद्र हरि पांडे,बी एन यादव,शिव बचन यादव,उपकार सिंह कुशवाहा और उनके पिता श्री भी उन लोगों में शामिल थे जिनसे मैं व्यक्तिगत रूप से भेंट कर सका । ) ------ विजय राजबली माथुर
कामरेड राजेन्द्र यादव व जितेंद्र हरि पांडे के सौजन्य से प्राप्त रैली के कुछ और खास फोटो :
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संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त यश
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***कामरेड अंजान ने पंचायत में आए हुये किसानों को सूचित किया कि जैसा कि , मशहूर शायरा और एक्ट्रेस मीना कुमारी का कहना था :
मसर्रत पे रिवाजों का सख्त पहरा है
ना जाने कौन सी उम्मीद पर दिल ठहरा है
तेरी आँखों से छलकते हुये इस गम की कसम
ये दोस्त दर्द का रिश्ता बहुत गहरा है
उन्होने भी किसानों के दर्द के साथ गहरा रिश्ता बनाया है और इसीलिए किसानों के लिए किसी भी बड़े से बड़े आंदोलन में भाग लेने के लिए वह सदा तैयार रहते हैं। ***
लखनऊ,20 मई 2016 :
किसानसभा के स्थापना दिवस 11 अप्रैल 2016 से 'किसान जागरण यात्रा ' का प्रारम्भ संगठन के संस्थापक स्वामी सहजानन्द सरस्वती जी की जन्मस्थली गाजीपुर से राजेन्द्र यादव,पूर्व विधायक और महामंत्री उ प्र किसानसभा के नेतृत्व में प्रारम्भ हुआ था जो 35 जिलों का भ्रमण करते हुये लखनऊ के चिनहट क्षेत्र में 19 तारीख को पहुँच गई थी जिसने 20 तारीख को चारबाग रेलवे स्टेशन पहुँच कर विभिन्न जिलों से आए हुये किसान साथियों को साथ लेकर अपने राष्ट्रीय महामंत्री कामरेड अतुल कुमार सिंह 'अंजान ' के नेतृत्व में एक विशाल मार्च निकाला जो उत्तर प्रदेश विधासभा क्षेत्र के जी पी ओ पार्क में गांधी प्रतिमा पर धरना - सभा में परिवर्तित हो गया जिसकी अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष पूर्व विधायक इम्तियाज़ बेग ने की । प्रारम्भ में चारबाग में इप्टा के कलाकारों ने भी किसानों के उत्साह वर्द्धन हेतु अपनी प्रस्तुति दी।
सभा में विभिन्न किसान नेताओं ने अपने विचार तथा यात्रा-वृतांत सुनाये। खेत मजदूर सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष , पूर्व सांसद विश्वनाथ शास्त्री जी भी सभा को संबोधित करने वाले वालों में प्रमुख थे। उत्तर प्रदेश भाकपा के प्रदेश सचिव गिरीश चंद्र शर्मा ने अपने 9 और 10 मई के बुंदेलखंड दौरे का विस्तृत वर्णन किया और खेद जताया कि वह राजेन्द्र यादव के अनुरोध के बावजूद किसान जागरण यात्रा में शामिल नहीं हो पाये।(ज्ञातव्य है कि किसान जागरण यात्रा 11 से 14 मई तक बुंदेलखंड क्षेत्र में आने वाली थी। ) गिरीश जी ने कहा कि वह बीमारी के बावजूद किसानों के साथ पार्टी की एकजुटता दिखाने के लिए उपस्थित हुये हैं। बुन्देल खंड समस्या पर आगामी 20 जून को छह पार्टियों की ओर से धरना देने का आयोजन कर रहे हैं। मीडिया ने उनके वक्तव्य को चटकारा लेते हुये प्रकाशित किया है। :
उत्तर प्रदेश किसानसभा के महामंत्री और जागरण यात्रा के संयोजक राजेन्द्र यादव ने अपने उद्बोधन में बताया कि अभी तक सरकार द्वारा दिये आश्वासन के बावजूद बंद चीनी मिलें चालू नहीं हुई हैं, प्रदेश में सड़कों की स्थिति सबसे अधिक दयनीय है,गड्ढा युक्त सड़कों के कारण आए दिन दुर्घटना होती हैं, अनियमित विद्युत कटौती से प्रदेश का किसान ,व्यापारी,छात्र,महिलाएं सभी परेशान हैं। नहरों में टेल तक पानी नहीं पहुँच पाता। इस वर्ष दैवीय आपदा के कारण किसानों की फसल बीमा एवं फसल मुआवजा तो केंद्र और राज्य सरकार द्वारा घोषित धन राशि का लाभ प्रदेश के 70 प्रतिशत किसानों को प्राप्त नहीं हो सका है। इन सब महत्वपूर्ण मांगों को लेकर यह यात्रा 11 अप्रैल 2016 से गाजीपुर से चल कर बुंदेलखंड समेत 35 जिलों का परिभ्रमण करते हुये राजधानी पहुंची है। किसानसभा की दूसरी यात्रा को मथुरा से चल कर यहाँ संयुक्त होना था किन्तु पश्चिमाञ्चल के जिलों ने 7 से 14 दिन की जिलावार यात्राएं वहीं सम्पन्न कर लीं और यहाँ तक नहीं पहुँच सके। दो माह बाद वह खुद उन जिलों में किसान जागरण यात्रा निकालने का प्रयास करेंगे।
राजेन्द्र जी ने बताया कि उन्होने जाति- धर्म और दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर केवल किसानों के हितार्थ इस यात्रा का संयोजन किया था इसी लिए सपा, बसपा,कांग्रेस और भाजपा के लोग भी उनके मंच से आकर किसान जागरण यात्रा का समर्थन कर गए थे। कांग्रेस नेता जनार्दन राय तो सभा में भी उपस्थित थे। राजेन्द्र जी ने मुख्यमंत्री व सपाध्यक्ष द्वारा वार्ता के लिए बुलाये जाने के संदर्भ में कहा कि वह किसान हितों के लिए किसी से कोई समझौता नहीं करेंगे और यदि मांगे नहीं मानी गईं तो उग्र आंदोलन चलाया जाएगा।
किसानसभा के राष्ट्रीय महासचिव कामरेड अतुल अंजान ने अपने वृहद सम्बोधन में संवाद शैली के माध्यम से किसानों को यह समझाने का अथक प्रयास किया कि वे जाति-धर्म,गोत्र-क्षेत्र,वाद-प्रतिवाद में न फंस कर एकजुटता बनाएँ अन्यथा उनका जीवन और दुष्कर होता जाएगा। किसानों की आत्म -हत्याओं का ज़िक्र करते हुये उन्होने बताया कि वह खुद भी आंध्र व तेलंगाना में किसान पद-यात्राओं में इसी लिए शामिल हुये कि किसानों को आत्म-हत्या के कदम उठाने से रोका जाये। उन्होने किसानों को आगाह किया कि वे अपनी ज़मीन कतई न बेचें क्योंकि आने वाले समय में यही ज़मीन उनके बच्चों को भूख से बचा सकेगी। बिल्डरों के षडयन्त्रों से सावधान रहने को उन्होने किसानों को जागरूक किया। उन्होने बताया कि मीडिया में टी वी चेनल्स और अखबार के जरिये कैटरीना कैफ व दीपिका पादुकोण के किस्से इसलिए उछलते हैं कि किसान इन सब में व फूट के मामलों में उलझ कर अपनी समस्याओं पर आवाज़ न उठा सके । मीडिया के संबंध में उनकी चेतावनी का नमूना इससे ही स्पष्ट है कि उनके वक्तव्य को काट-छांट कर सिर्फ इस रूप में छापा गया है। :
कामरेड अंजान ने पंचायत में आए हुये किसानों को सूचित किया कि जैसा कि , मशहूर शायरा और एक्ट्रेस मीना कुमारी का कहना था :
मसर्रत पे रिवाजों का सख्त पहरा है
ना जाने कौन सी उम्मीद पर दिल ठहरा है
तेरी आँखों से छलकते हुये इस गम की कसम
ये दोस्त दर्द का रिश्ता बहुत गहरा है
उन्होने भी किसानों के दर्द के साथ गहरा रिश्ता बनाया है और इसीलिए किसानों के लिए किसी भी बड़े से बड़े आंदोलन में भाग लेने के लिए वह सदा तैयार रहते हैं। उन्होने स्पष्ट कहा कि वह जिस संगठन के राष्ट्रीय महा सचिव पद पर हैं वह स्वामी सहजानन्द सरस्वती जी के वैज्ञानिक समाजवाद के दृष्टिकोण का अनुगामी है। इन्दु लाल याज्ञनिक,महात्मा गांधी और नेताजी सुभाष चंद्र बोस इस किसानसभा के अध्यक्ष रह चुके हैं। बंगाल किसानसभा के अध्यक्ष पद को सुशोभित करने वालों में स्वामी विवेकानंद के बड़े भाई भी शामिल रहे हैं। लखनऊ जिले के ही काकोरी में क्रांतिकारी चंद्रशेखर आज़ाद,रोशन सिंह,आदि नेता सभी किसानों के पुत्र ही तो थे। (यद्यपि कामरेड अंजान ने बताया नहीं किन्तु उन क्रांतिकारियों का साथ देने वालों में तथा बटुकेश्वर दत्त के साथ काला पानी की सजा काटने वालों में उनके पिता श्री अयोध्या सिंह जी भी शामिल थे )।
कामरेड अंजान ने उपस्थित किसानों के माध्यम से यह भी बताया कि , किसानसभा के केंद्रीय कार्यालय में उन्होने दो लाख रुपये मूल्य की किताबें संग्रहित करा दी हैं जिंनका लाभ किसानों की आने वाली पीढ़ियाँ भी उठा सकेंगी। इतनी प्रचंड गर्मी में किसानों ने अपने हक के समर्थन में जागरण यात्रा में भाग लिया और 46 डिग्री तापमान में लखनऊ में धरने पर बैठे इसके लिए उनके प्रति कामरेड अंजान ने आभार व्यक्त किया । साथ ही साथ किसान परिवारों के आबाल-वृद्ध सभी को उन्होने धन्यवाद दिया कि अपने परिजनों को उन लोगों ने इस किसान महापंचायत में भाग लेने हेतु भेजा। यात्रा और धरने में शामिल महिलाओं के प्रति उन्होने कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होने किसान पंचायत में यह घोषणा भी की कि जब कभी भी किसानसभा की सरकार बनेगी राजेन्द्र यादव को किसान स्वतन्त्रता आंदोलन का 'स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी' घोषित किया जाएगा। उनका योगदान भुलाया नहीं जा सकता है।
प्रशासन की ओर से SDM साहब द्वारा किसानसभा का मांग-पत्र ग्रहण किया गया। इसकी प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं :
1. राष्ट्रीय किसान आयोग (स्वामीनाथन आयोग) की संस्तुतियों को केंद्र और राज्य सरकारें तत्काल लागू करें।
2. 60 वर्ष के सभी स्त्री-पुरुष किसानों,खेत मजदूरों,ग्रामीण दस्तकारों को 10,000 रु. ( दस हजार रुपया) मासिक पेंशन केंद्र व राज्य सरकारें मिलकर देना सुनिश्चित करें।
3. किसानों के सहकारी-सरकारी कर्ज़ माफ किये जायें एवं उन्हें रबी-खरीफ पर ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जाये।
4. कृषि उत्पादों का लाभकारी मूल्य (लागत पर पचास फीसदी जोड़ कर) दिया जाय।
5. भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को तत्काल वापस लिया जाय।
6. केरल राजयकी भांति किसान कर्ज़ एवं आपदा राहत ट्रिब्यूनल की स्थापना की जाय।
7. खेती किसानी के लिए बिजली की बढ़ी दरों को वापस लिया जाय, साथ ही सस्ती एवं अबाध बिजली 18 घंटे उपलब्ध कराई जाय।
8. नहरों की टेल तक वास्तविक सफाई कराकर पानी खेतों में पहुँचने का पुख्ता प्रबंध किया जाय।
9. प्रदेश के किसानो के निजी नलकूपों को अन्य राज्यों की तरह मुफ्त बिजली की व्यवस्था की जाय।
10. नंदगंज,रसड़ा,छाता,देवरिया,औरैया,शाहगंज चीनी मिलों को चालू किया जाय।
11. शिक्षा व चिकित्सा व्यवस्था को सरकार अपने हाथ में ले।
12. गन्ने का सामान्य मूल्य 450 रु. किया जाय एवं गन्ने का बकाया भुगतान किया जाय।
13. प्रदेश में रबी व खरीफ की फसल बर्बाद होने के बाद केंद्र व प्रदेश की सरकारें क्षतिपूर्ति देने का वादा करें या अब तक लगभग 33%किसान लाभान्वित हुए हैं शेष किसानों को तत्काल क्षतिपूर्ति दी जाय।
सभाध्यक्ष द्वारा उपस्थित किसान समुदाय व स्थानीय जनता को धन्यवाद देने के बाद सभा समापन की घोषणा की गई।
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(कामरेड अंजान और राजेन्द्र यादव जी के अतिरिक्त अर्चना उपाध्याय जी,जितेंद्र हरि पांडे,बी एन यादव,शिव बचन यादव,उपकार सिंह कुशवाहा और उनके पिता श्री भी उन लोगों में शामिल थे जिनसे मैं व्यक्तिगत रूप से भेंट कर सका । ) ------ विजय राजबली माथुर
कामरेड राजेन्द्र यादव व जितेंद्र हरि पांडे के सौजन्य से प्राप्त रैली के कुछ और खास फोटो :
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फोटो सौजन्य : अर्चना उपाध्याय जी |
22-05-2016 at 21 hrs. |
संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त यश
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21-05-2016 |
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