Thursday, 27 December 2012

धिक्कार है ऐसे वक्तव्यों व प्रवचनों को ---विजय राजबली माथुर



महिला वैज्ञानिक बोलीं- लड़की छह लोगों से घिर गई थी तो समर्पण क्यों नहीं कर दिया?
Dainik Bhaskar News  |  Dec 27, 2012, 09:49AM IST

 http://www.bhaskar.com/article/MP-IND-delhi-gang-rape-woman-scientist-illogical-statement-4127693-NOR.html
 
खरगोन। पुलिस विभाग ने खरगोन में एक सेमिनार रखा। विषय था-महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता। लेकिन इसमें वक्ता जितने असंवेदनशील हो सकते थे, हुए। हैरत यह है कि इनकी सिरमौर रहीं एक महिला कृषि वैज्ञानिक। डॉ. अनीता शुक्ला। ये लायंस क्लब की अध्यक्ष भी हैं।
मंच से डॉ. अनीता शुक्ला ने दिल्ली सामूहिक दुष्कर्म मामले में पीडि़ता को ही जिम्मेदार ठहरा दिया। उन्होंने कहा- महिलाएं ही पुरुष को उकसाती हैं। डॉ. शुक्ला यहीं नहीं रुकीं। उन्होंने और भी सवाल उठाए। उनका सवाल था 10 बजे रात को लड़की घर से बाहर क्या कर रही थी? फिर कहा- ब्वॉय फ्रेंड के साथ रात को बाहर निकलेगी तो यही होगा। पुलिस कहां तक संरक्षण देगी। उन्होंने पीडि़ता के प्रतिरोध को भी उसका दुस्साहस बता दिया। उनका कहना था हाथ पांव में दम नहीं, हम किसी से कम नहीं। (पूर्व महिला सांसद ने दी नसीहत- तन ढंक कर रखें लड़कियां)
छह लोगों से घिरने पर लड़की ने चुपचाप समर्पण क्यों नहीं कर दिया। कम से कम आंते निकालने की नौबत तो नहीं आती। उन्होंने कानूनों की बात भी की। उनका निष्कर्ष था सुविधाओं और अधिकारों का महिलाओं ने गलत इस्तेमाल किया है। इसलिए ऐसे मामलों में पुलिस का रवैया बिलकुल ठीक है। असंवेदनशीलता का आलम यह रहा कि इस भाषण पर वहां मौजूद ज्यादातर अफसर मौन रहे।
लेकिन भास्कर ने रात को डॉ. अनीता से फिर बात की। पूछा कि पूरा देश जिस मामले को लेकर इतना संवेदनशील है, तब  आप ऐसा क्यों कह रही हैं? उन्होंने फिर वही बातें दोहराईं और कहा-देखिए, मेरी उस पीडि़ता के प्रति पूरी संवेदना है लेकिन ऐसी घटनाओं को महिलाएं ही समझदारी दिखाकर रोक सकती हैं।  सेमिनार में एडिशनल एसपी एसएस चौहान, एसडीओपी आरबी दीक्षित, एसडीओपी भीकनगांव कर्णसिंह रावत, सीएमएचओ डॉ. विराज भालके, खनिज निरीक्षक रश्मि पांडे, आरआई अनिल राय भी उपस्थित थे।

वे क्या बोलेंगी, इसकी स्क्रीनिंग कैसे करते
हमने सेमिनार में डॉ. शुक्ला को बुलाया था। वे क्या बोलेंगी इसकी कोई स्क्रीनिंग करना संभव भी नहीं था। उन्होंने निजी विचार व्यक्त किए। मंै उनसे सहमत नहीं हूं।
- एस.एस.चौहान, एडिशनल एसपी, खरगोन

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Giridhari Goswami अगर लडकी समर्पण कर देती तो उसका शारीरिक नुक्सान कम होता , इसे इसी रूप में लेना चाहिए. बोकारो में मोनिका का बलात्कार बीस लोगो ने किया पर उन्हें उतना नुक्सान नही हुआ जितना इस लड़की को हो रहा है. एक को छोड़ १७ आरोपी साजा भूगत रहे हैं.
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आज की ‘इस्तेमाल करो और फेंको’ की उपभोक्तावादी संस्कृति पूरा कर दे रही है। इसमें प्रचार माध्यमों की पूरी ताकत से पुरूषों को उकसाया जा रहा है कि औरतों के शरीर को दबोचो, वह तुम्हारे उपभोग की वस्तु है। औरत या लड़की महज शरीर मात्र है और वह तुम्हारे उपभोग के लिए है। और जब इस घृणित कारोबार का वीभत्स परिणाम सामने आता है तो वही कारोबारी ‘फांसी-फांसी’ को कोलाहल शुरू कर देते हैं।

बलात्कार और यौन हिंसा आज के पतित पूंजीवाद का हिस्सा है। यह कोई अपवाद या अतिरेक में बहाव नहीं है। इसीलिए इससे मुक्ति पूंजीवाद के खात्मे की मांग करती है। मजदूर वर्ग को, खासकर महिला मजदूरों को यौन हिंसा के मामले में भी अपनी क्रांतिकारी पहलकदमी प्रदर्शित करनी होगी और यौन हिंसा के लिए समूचे पूंजीवाद को कठघरे में खड़ा करना होगा।

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16 दिसंबर 2012 को दिल्ली के बसंत विहार क्षेत्र मे घटित जघन्य कांड पर जनांदोलन भी हो रहे हैं विभिन्न विद्वानों के विभिन्न विचार भी सामने आ रहे हैं और लोग उपाय भी सुझा रहे हैं। परंतु नितांत महत्वपूर्ण तथ्य को सभी पक्ष नज़र अंदाज़ करते जा रहे हैं। लगभग  1300 वर्षों पूर्व विदेशियों द्वारा हमारे देश की सभ्यता-संस्कृति को विकृत रूप मे पेश करने का जो अभियान चला था वह आज पक्का पौराणिक आख्यान बन चुका है और उसी के कारण समाज का निरंतर पतन होता जा रहा है,नैतिक मूल्य लगभग नष्टप्राय हैं। 

जगह-जगह भागवत प्रवचनों मे मिथ्या पाठ पढ़ाया जा रहा है कि,श्री कृष्ण गोपियों के वस्त्र हरण कर 'कदंब' पर चढ़ गए और उनको यमुना से बाहर निर्वस्त्र आने पर बाध्य कर दिया । वृन्दावन मे तो रास-लीला बाकायदा बड़ी धूम-धाम से चलती है। 
इसी प्रकार राम द्वारा स्वर्ण नखा (सूपनखा)को विवाह हेतु लक्ष्मण के पास और लक्ष्मण द्वारा राम के पास भेजने के कुत्सित प्रसंग विदेशी षड्यंत्र हैं। 
किन्तु ढ़ोंगी-पाखंडी लोग इन खुराफ़ातों को धर्म के रूप मे पेश करते हैं जिनको व्यापार जगत के दान से प्रोत्साहित किया जाता है। अतः 'हस्तक्षेप'मे व्यक्त आह्वान एक सार्थक पहल है। लेकिन इसी के साथ-साथ पोंगा-पंथ के विरुद्ध भी जनता को जाग्रत करने की आवश्यकता है। तथा कथित 'बापुओं' 'सन्यासियों' की पोल खोलने की आवश्यकता है और 'कुम्भ स्नान' के नाम पर हो रहे जनता के मानसिक शोषण के विरुद्ध भी आवाज़ बुलंद करने की ज़रूरत है। 
लेकिन दुर्भाग्य से प्रदेश व केंद्र सरकारें इस प्रकार के ढोंग-पाखंड को कारपोरेट के दबाव मे सहयोग व समर्थन दे रही हैं। जनता गुमराह है उसे 'सन्मार्ग' दिखाने वाला कोई 'नेतृत्व कारी तत्व' नज़र नहीं आ रहा है। यदि कोई पाखंड-आडंबर-ढोंग के विरुद्ध आवाज़ बुलंद करता है या लेखनी चलाता है तो उसे 'धार्मिक भटकाव' कह कर तथाकथित प्रगतिशील हतोत्साहित करते हैं और ढ़ोंगी तो प्रबल प्रहार करते ही हैं। 

यदि समाज से चरित्र हीनता को समाप्त करना है तो गलत को गलत कहने का साहस जुटाना ही होगा अन्यथा थोथे शोर गुल व हुल-हपाड़े से कुछ नहीं होने वाला है।











Wednesday, 26 December 2012

वार पाँच गुरुदेव के,नीति न्याय अवरोध---विजय राजबली माथुर



आजकल एक फैशन चला हुआ है जिसके तहत क्या विज्ञानवादी क्या प्रगतिशील सब ज्योतिष विज्ञान की निंदा व आलोचना करके अपनी पीठ थपथपाते रहते हैं। पोंगापंथी-ढ़ोंगी-आडंबरवादी और कारपोरेट समर्थक इनकी हौसला अफजाई करते रहते हैं जिससे कि वास्तविकता जनता के समक्ष आने ही न पाये वरना उल्टे उस्तरे से जनता को मूढ़ने का धंधा जो चौपट हो जाएगा।
16 दिसंबर को घटित दुर्भाग्यपूर्ण जघन्य कांड और उसके बाद प्रस्फुटित जनाक्रोश,हिंसा-प्रतिहिंसा सब कुछ अनायास ही नहीं हो गया। यदि 'ज्योतिष विज्ञान' के आंकलनों पर ध्यान दिया जाता खास कर केंद्रीय व राज्य सरकारों के खुफिया विभाग इन पर नज़र रख कर बचाव के उपाय करते तो इतनी हानि,व सरकारों की बदनामी न होती। संभवतः अपराधी भी अपराध से पूर्व ही पकड़ मे आ जाते।

लेकिन हाल ही मे एक वैज्ञानिक संगठन के नव नियुक्त प्रदेशाध्यक्ष ने अपने ब्लाग के माध्यम से फतवा जारी किया है कि ज्योतिष के आंकलन 100 प्रतिशत झूठे होते हैं। IBN7 का एक कारिंदा तो अप्रैल 2012 से लगातार ज्योतिषीय आंकलनों को गलत ठहरा ही रहा था। ऐसे ही लोग ऐसे वीभत्स कांडों पर सरकारों पर प्रहार करने मे अग्रणी हैं। पीड़ितों को राहत पहुंचाने से इनको कोई सरोकार नहीं है इनको अपने व्यापार/धंधे को चमकाने की पड़ी रहती है। अतः ये लोग पोंगापंथ और ढोंग तथा आडंबर और उत्पीड़न का विरोध न करके 'धर्म' और 'ज्योतिष विज्ञान' पर प्रहार करते हैं।

'चंड मार्तंड' निर्णय सागर पंचांग के पृष्ठ-46 पर स्पष्ट उल्लेख (29 नवंबर से 28 दिसंबर 2012 की अवधी के लिए)मिलता है----
"चार पाँच ग्रह का बने,युति चार गति चार। वर्षा अथवा द्वंद से आंदोलित संसार। ।
हिम प्रपात -पर्वत पतन,ऋतु कोप अधिचार। निर्णय गणना गोचरी ,लहर शीत संचार। ।
वार पाँच भ्रगुदेव के,भौतिक पंथ अपार। वस्तु सुगंधी-गंध की,भाव तेज उच्चार। ।
देश-दिशा पश्चिम विषय,विग्रह प्रांत विरोध। वार पाँच गुरुदेव के ,नीति न्याय अवरोध। ।
चक्रवात आंधी पवन,सागर देश विदेश । संहारक रचना गति ,जन धन मध्य विशेष। ।
संम सप्तक गुरु शुक्र का,वृषभ वृश्चिकी सार। भाषा मुद्रा न्याय हित ,नहीं सुखद संचार। ।
आरक्षण शिक्षण विषय ,शासन तंत्र प्रहार। आंदोलित जन साधना ,निर्णय कथन विचार। ।
चलन कल न गुरु मंद का,षडष्टाकी अभिसार। पद लोलुप नायक सभी,राज काज व्यापार। ।
शांति विश्व मे न्यूनता,कूटनीति विस्तार। संधि लेख की शून्यता ,अस्त्र शस्त्र प्रतिभार। । "  

11 दिसंबर 2012 को शुक्र के वृश्चिक राशि मे प्रवेश के साथ ही चार ग्रहों का जमावड़ा हो गया था जिसके परिणामस्वरूप 'आरक्षण' के पक्ष-विपक्ष मे आंदोलन चला। फिर 16 दिसंबर कांड के विरोध मे जनता आंदोलित रही। पाँच ब्रहस्तिवार के योग से दिल्ली व केंद्र सरकारें नीति-न्याय का पालन नहीं कर सकीं। यदि 'ज्योतिष' की आलोचना न होती और खुफिया तंत्र इंनका उपयोग नीति-निर्धारण मे करते हुये सावधानी बरतता तो जो नुकसान हुआ उससे बचा जा सकता था। अतः ज्योतिष की वैज्ञानिकता को नकारने वाले तथाकथित वैज्ञानिक संगठनों के बड़बोले प्रवक्ताओं एवं थोथे  प्रगतिशील लोगों को वर्तमान संकट हेतु उत्तरदाई ठहराया जाना चाहिए।    

 संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर

Monday, 24 December 2012

दवा,इलाज और भ्रम ---विजय राजबली माथुर

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http://www.livehindustan.com/news/editorial/subeditorial/article1-story-57-116-292305.html

आज के हिंदुस्तान मे प्रकाशित यह सम्पाद्कीय एक बहुत महत्वपूर्ण विचार को सामने लाता है कि,"चिकित्सा विज्ञान आज भी कई अर्द्ध सत्यों,भ्रमों,विश्वासों व अंध विश्वासों के सहारे चल रहा है।"

लगभग 25 वर्ष पूर्व एक होम्योपेथी  चिकित्सक डॉ डी मिश्रा से परिचय हुआ था। वह पहले पाईलेट आफ़ीसर थे और लंदन से नौकरी के दौरान होम्योपेथी चिकित्सक की डिगरी उन्होने प्राप्त कर ली थी। उनके पिताश्री होटल क्लार्क शीराज,आगरा मे जेनेरल मेनेजर रह चुके थे और तब फ़ालिज से पीड़ित थे। उनकी देख-रेख के नाम पर डॉ साहब ने नौकरी छोड़ कर प्रेक्टिस करनी शुरू कर दी थी। उनके कम्पाउंडर के पिता का बंगलोर मे देहांत होने पर भी छुट्टी देने की शर्त कोई बदले मे आदमी देने की उन्होने लगा दी थी। वह कम्पाउंडर हमारे एक परिचित डॉ साहब के मित्र थे जो नगर निगम मे शिक्षक भी थे । उस एक सप्ताह मे उनके स्थान पर मुझसे डॉ साहब को मदद देने को हमारे परिचित डॉ साहब के अनुरोध पर मैं उनके यहाँ जाता था।

एक रोज़ मेहरा आफ़सेट प्रेस के मालिक श्याम मेहरा साहब अपनी पत्नी की दवा लेने के बाद डॉ मिश्रा से बोले जो उनके लायन्स क्लब के साथी भी थे कि उनको चक्कर लग रहे हैं। मिश्रा जी ने मुझसे कहा कि माथुर साहब श्याम बाबू को BG की एक डोज़ दे दो। BG=ब्लैंक ग्लोबुल्स =सादी गोलियां। उनको तुरंत कार ड्राईव करने से रोकने हेतु दो मिनट तक गप्पें करके डॉ साहब ने पूछा श्याम बाबू कुछ राहत है वह बोले थोड़ी सी। डॉ साहब ने और रोक लिया फिर पाँच मिनट बाद पूछा तो मेहरा साहब बोले आपका  डायगनोज बढ़िया है अब बिलकुल ठीक हूँ। उनके जाने के बाद मैंने डॉ साहब से पूछा कि सादी गोलियों से मेहरा साहब को फायदा कैसे हो गया। डॉ साहब बोले जैसी बीमारी वैसी दवा उनको वहम  था जो दवा के धोखे से ठीक हो गया। चूंकि उनको कोई बीमारी थी ही नहीं तो दवा क्यों देते लेकिन वहम  तो दूर करना ही था। 

अच्छे एलोपेथी डॉ भी इस प्रकार का सहारा लेते हैं। इनके अतिरिक्त प्रार्थना-स्तुति का भी मरीज पर व्यापक प्रभाव पड़ता है और वे शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर लेते हैं। कैंसर तक के दो मरीजों को जिनको डाक्टरों ने घबड़ा दिया था मैंने स्तुति के सहारे से ठीक होने मे मदद  दी फिर डॉ भी संतुष्ट हुये। लेक्न हाल ही मे एक वैज्ञानिक संस्था के नव नियुक्त प्रदेशाध्यक्ष ने ज्योतिष और स्तुति की कड़ी आलोचना करते हुये अपने ब्लाग मे लिखा है कि ज्योतिष 100 प्रतिशत झूठा है। वस्तुतः ये लोग कारपोरेट कंपनियों के इशारे पर अपने व्यक्तिगत आर्थिक हितों के संरक्षणार्थ लोगों को गुमराह करते हैं और उनको वास्तविक इलाज नहीं मिलने देना चाहते हैं। ऐसे लोग अपने छुद्र स्वार्थ की खातिर आम लोगों को उल्टे उस्तरे से मूढ़ते हैं।


संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर

Saturday, 22 December 2012

2010 मे ही प्रलय की भविष्यवाणी को झूठा कहा था ---विजय राजबली माथुर

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हिंदुस्तान,लखनऊ,22-12-2012


 हिंदुस्तान,लखनऊ,22-12-2012मे रूस के 'पिट्सबर्ग  पोस्ट गैजेट का यह समाचार देख कर ताज्जुब नहीं हुआ। मैंने तो मई 2010 मे लखनऊ के एक छोटे समाचार पत्र मे प्रकाशित अपने लेख मे विस्तृत रूप से प्रलय की थोथी  भविष्यवाणी को झूठा सिद्ध कर दिया था। वही लेख ब्लाग-'क्रांतिस्वर' मे 24 व 26 सितंबर 2010 को दो किश्तों मे भी दिया था। उसका पुनर्प्रकाशन भी ब्लाग मे 27 अक्तूबर 2012 को दे दिया था। 
  • Sudhakar Adeeb Vijai RajBali Mathur भाई ! धन्यवाद । आपसे हम जैसों को बड़ी प्रेरणा मिलती है । कथित प्रलय के बाद की सच्ची शुभकामना ।
  • Vijai RajBali Mathur धन्यवाद अदीब साहब हमारी कोशीश तो सच्ची बातों को सामने लाने की ही रहती है,आपने समझा उसके लिए आभारी हूँ।
http://krantiswar.blogspot.in/2012/10/blog-post_27.html
संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर

Monday, 17 December 2012

हार्ट/डायबिटीज़ उपचार---विजय राजबली माथुर

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हिंदुस्तान,लखनऊ,28-11-2012


 आधुनिक चिकित्सा विज्ञान-एलोपेथी  पर नाज़ करने वाले उपरोक्त समाचार पर क्या प्रतिकृया देंगे?

आइये हम आपको सरल उपचार बताते हैं जो पूर्ण रूप से निरापद हैं। ---

हार्ट संबंधी रोगों से बचाव एवं हृदय की मजबूती के लिए भोजन करने के तुरंत बाद सबसे पहले 'मूत्र विसर्जन' करना चाहिए उसके कम से कम आधा घंटे बाद ही जल ग्रहण करना चाहिए।
यदि हार्ट रोगी पहले से हैं तो 'अर्जुनारिष्ट' दो-दो चम्मच दोनों वक्त भोजनोपरांत जल मिला कर सेवन करें। ज़्यादा पुरानी तकलीफ है तो 'मृग शृंग भस्म' को शहद के साथ सेवन करें।

लो ब्लड प्रेशर,हाई ब्लड प्रेशर,हार्ट,दमा,मानसिक चिंताओं के निवारण हेतु इस मंत्र का प्रयोग 9,18,27 या 108 बार आवश्यकतानुसार पश्चिम दिशा मे मुंह कर धरती से इंसुलेशन बना कर अर्थात ऊनी शाल/कंबल/लकड़ी का तख़्ता या पोलीथीन शीट पर बैठें। ---

ॐ भू :ॐ भुवा: ॐ स्व :ॐ तत्सवितुर्वरेण्यम भर्गो देवस्य धीमहि। ॐ धियों यो न : प्रचोदयात। ।

यदि एलोपेथी दवाओं के सेवन से डायबिटीज़ के शिकार हो गए हैं या अन्य किसी कारण से तब उपरोक्त मंत्र मे इस प्रयोग को करें---

ॐ .... भू :....... भुवा: ........    स्व :....  तत्सवितुर्वरेण्यम भर्गो देवस्य धीमहि। .....  धियों यो न : प्रचोदयात। ।

खाली स्थानो पर तालिया बजाएँ-3,9,18,27,108 के क्रम मे जैसी आवासयकता हो उतनी-उतनी तालियाँ खाली स्थान पर बजाएँ।
इन उपचारों से किसी प्रकार की हानि या रिएक्शन नहीं होगा।





 संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर

Monday, 10 December 2012

डॉ मोहन श्रोत्रिय जी का सफ़ेद झूठ

Mohan Shrotriya shared Nishtha Sharma's photo.
मेरी दोहिती निष्ठा, जिसकी कविता को बहुत सराहा था, आप में से अधिकांश मित्रों ने.
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Nishtha Sharma

 Went to delhi public school bangalore eastLives in Bangalore, IndiaBorn on October 20, 1995Female


मेरी दोहिती निष्ठा ने बंगलोर से भेजी यह शुभकामना-कविता, अपने नाना के जन्मदिन पर. चौदह बरस की निष्ठा नवीं कक्षा में पढ़ती है, डीपीएस, बंगलोर में. वह टेग नहीं कर पाई तो उसने मेल का सहारा लिया.
 
"The sixth of December
A very special day
As a very special person
Was born on this day

there is joy in our hearts
And smiles on our faces
Wishes on Facebook


From many different places

Happy birthday dear nana
May all your wishes come true
And this day be amazing
And as special as you."
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डॉ श्रोत्रिय के अनुसार निष्ठा 14 वर्ष की अर्थात उसका जन्म 1998 में हुआ लेकिन खुद निष्ठा ने अपना जन्म वर्ष फेसबुक पर 1995 घोषित किया हुआ है। 

अर्थात डॉ श्रोत्रिय सफ़ेद झूठ बोल रहे हैं। उनका दावा है कि वह साम्यवाद के शिक्षक भी रहे हैं। उनके झूठ के आधार पर प्रशिक्षित उनके शिष्य निश्चय ही साम्यवाद का प्रचार-प्रसार करने मे विफल रहे हैं। इसी कारण ये लोग वास्तविक धर्म='सत्य,अहिंसा (मनसा,वाचा,कर्मणा),अस्तेय,अपरिग्रह और ब्रह्मचर्य' का विरोध करके ढोंग-पाखंड-आडंबर को धर्म की संज्ञा देकर 'शोषण-उत्पीड़न'को परिपुष्ट करते हैं।  





संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर

Tuesday, 4 December 2012

प्रधान मंत्री का चयन विदेश से होगा ---विजय राज बली माथुर

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हिंदुस्तान,लखनऊ,दिनांक-03/12/2012 ,पृष्ठ-14
एक लंबे अरसे से अमेरिकी मीडिया राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी को अगले प्रधानमंत्री के लिए अपनी पसंद बताता रहा है। अब ब्रिटिश मीडिया ने भी चिदम्बरम और मोदी का नाम प्रस्तुत कर दिया है। इस संबंध मे विस्तृत विवरण हिमांशु कुमार जी ने अपने ब्लाग पर दिया है-
http://dantewadavani.blogspot.in/2012/12/blog-post_3.html 

हिमांशु जी का विश्लेषण सटीक और व्यवहारिकता को दर्शाता है। 

साम्राज्यवादियो ने भारत विभाजन सांप्रदायिकता के सहारे से अपने हितों हेतु ही करवाया था और शुरू से ही पाकिस्तान तो उनके खुले चंगुल मे चला जबकि भारत मे लोकतन्त्र का आवरण रखा गया। नेहरू जी साम्राज्यवादियो की पसंद थे किन्तु शास्त्री जी नहीं इसी लिए उनको मार्ग से हटा दिया गया। दोबारा सत्ता मे आने के बाद इन्दिरा जी भी खुल कर साम्राज्यवादियो के हितों का संरक्षण करती रहीं,उनके बाद भी साम्राज्यवादियो को कोई दिक्कत न हो इस हेतु अपने शिष्य आतंकवादियों के सहारे से उनकी हत्या करा दी गई जिससे उनके पुत्र राजीव जी सहानुभूति की लहर पर सवार होकर सुगमता से सत्तासीन हो गए जिन्होने सरकार को एक कारपोरेट उद्योगपति के रूप मे  ढाल दिया।उनकी भी  हत्या अपने शिष्य आतंकवादियो  के सहारे से करने के बाद नरसिंघा राव जी के लिए रास्ता बन सका जिनको वित्तमंत्री मनमोहन जी को बनाना पड़ा पूरी स्वतन्त्रता के साथ पद से हटने के बाद उन्होने अपने THE INSIDER मे  कुबूल किया कि हम स्वतन्त्रता के 'भ्रम जाल 'मे जी रहे हैं।

वी पी सिंह,देवगौड़ा और गुजराल सरकारों का पतन साम्राज्यवादियो ने कारपोरेट घरानों की मदद से करा दिया।एन डी ए शासन यद्यपि साम्राज्यवादियों के लिए मुफीद रहा किन्तु जनता मे वह अलोकप्रिय  होने के कारण यू पी ए को साम्राज्यवादियों  का समर्थन मिल गया जबकि परिवर्तन दिखाने को उसे बामपंथी समर्थन हासिल करना पड़ा। फिर निर्लज्जता के साथ बामपंथियों को हटा कर खुले रूप मे साम्राज्यवादियों के हितार्थ परमाणु सम्झौता किया गया। 

आज जब यू पी ए /एन डी ए अलग-अलग बोतल मे एक ही शराब हो चुके हैं इनके एक-एक प्रतिनिधि को भारत के प्रधानमंत्री हेतु विदेशी मीडिया के जरिये प्रस्तुत किया जा रहा है। 

चूंकि सोनिया जी खुद और अपनी किसी संतान को प्रधानमंत्री नहीं बनाना चाहती हैं जैसा कि उनके अपने पीहर वाले भी चाहते हैं। इसलिए मनमोहन जी के बाद चिदम्बरम साहब का नाम उभरा है। चिदम्बरम साहब सोनिया जी के बहुत पुराने वफादार भी हैं। राजीव जी के शासन मे जब उनके ममेरे भाई अरुण नेहरू साहब ने गृह-मंत्री के रूप मे सोनिया जी की फाईल सी बी आई से तैयार कारवाई थी तब उनको हार्ट अटेक पड़ने पर गृह-राज्यमंत्री के रूप मे चिदम्बरम साहब ने राजीव जी को वह फाईल दिखा दी थी जिसके बाद अरुण नेहरू साहब का मंत्रालय बादल दिया गया था। विभिन्न सरकारों मे वित्तमंत्री के रूप मे वह साम्राज्यवादियों के हित-साधन करते रहे है इसलिए उनकी पसंद भी है और सोनिया जी की भी। 

साम्यवादियों-बामपंथियों का इस समय यह गुरुतर दायित्व है कि वे राष्ट्र-हित मे देश की जनता को जाग्रत करके अपने नेतृत्व मे सरकार गठन का प्रयास करे न कि किसी अन्य को समर्थन दे।   






 संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर

Tuesday, 27 November 2012

शोषण की सत्ता मजबूती के लिए

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हिंदुस्तान,लखनऊ,26-11-2012


उपरोक्त स्कैन  से स्पष्ट होता है कि जिन्हे आनर किलिंग या खाप पंचायतों की सामंती प्रवृत्ति कहा जाता है वे सब हरकतें समाज मे गैर बराबरी बनाए रखने व शोषण को मजबूत करने की तिकड़म हैं।


संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर

Friday, 23 November 2012

IAS को सजा एक मिसाल

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हिंदुस्तान,लखनऊ,दिनांक -21-11-2012,प्रथम पृष्ठ---


कारपोरेट घरानों तथा IAS आफ़ीसर्स की पत्नियों द्वारा संचालित NGOs ने एक लंबे अरसे से राजनीति और राजनेताओं के विरुद्ध भ्रष्टाचार के नाम पर आंदोलन चला रखा है। जनता भी उनकी चालों को न समझते हुये राजनेताओं को ही दोषी मान लेती है। यू पी के स्वास्थ्य विभाग मे भी एक वरिष्ठ IAS जेल यात्रा भ्रष्टाचार के आरोपों मे कर आए हैं। लेकिन इस बार इस लाबी को कोर्ट से करारा झटका लगा है। वस्तुतः ब्रिटिश दासता के काल से ही पहले ICS जो अब IAS कहलाते हैं अपने अधीनसठों के माध्यम से भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते रहे हैं। आज़ादी के बाद इन लोगों ने कुछ भ्रष्ट नेताओं को भी अपने पाले मे शामिल करके सारे के सारे नेताओं को चोर और भ्रष्ट कहलाना शुरू कर दिया जिससे कि इन लोगों की कारगुजारियाँ छिपी रह सकें। आभार एवं धन्यवाद न्यायपालिका को जिसने दूध का दूध और पानी का पानी अलग-अलग कर दिया। यदि IAS तबके पर लगाम कसी जा सके तो कोई भी नेता भ्रष्ट कदम उठाने का दुसाहस कर ही न सकेगा।





 संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर

Monday, 5 November 2012

सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल-एकू लाल

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हिंदुस्तान,लखनऊ,दिनांक 05 नवंबर 2012 के पृष्ठ 08 पर प्रकाशित यह समाचार भारत के धर्म निरपेक्ष होने एवं मानवता की अद्भुत मिसाल पेश करता है। जब कुछ वर्ष पूर्व इन पिता-पुत्र के बारे मे आगरा मे समाचार पढ़ा था तो कौतूहल एवं आश्चर्य दोनों हुआ था। किन्तु लखनऊ आने पर इन लोगों से व्यक्तिगत मुलाक़ात भी संभव हो गई। एकू साहब बारादरी  के पीछे अपना चाय का ठेला लगाते हैं जो कि भाकपा कार्यालय के निकट ही है। इसलिए हमारे ज़िला मंत्री कामरेड ख़ालिक़ साहब प्रदर्शन,मीटिंग समाप्त होने के बाद सभी कामरेड्स को इनकी दुकान पर ही चाय पिलवाते हैं। एकू साहब भी कामरेड्स के प्रति अपनत्व रखते हैं। उनका सौम्य व्यवहार ही सबको उनके प्रति आकर्षित करता है।

एकू साहब सांप्रदायिक सौहार्द का एक उज्ज्वल प्रतीक हैं। अपने दत्तक पुत्र  'अकबर' के प्रति अतीव लगाव के कारण ही एकू साहब ने खुद अविवाहित रहने का फैसला लिया है ताकि भविष्य मे भी कभी उनके इस पुत्र को कोई समस्या न हो सके। एकू साहब को सम्मान मिला(जिसके वह पात्र थे) उनको बधाई एवं अभिनंदन।


 संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर

Saturday, 3 November 2012

पूजा क्या,क्यों और कैसे?

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 आए दिन अखबारों मे पढ़ने को मिलता है कि किसी मंदिर,आश्रम आदि मे भगदड़ मचने से जन-धन हानि हो गई। यह भेद-चाल कोई धर्म नहीं है न ही पूजा। वास्तविक पूजा क्या ,क्यों और कैसे हो 7-8 वर्ष पूर्व अग्र मंत्र पत्रिका आगरा मे प्रकाशित इस लेख से समझें---




संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर

Tuesday, 30 October 2012

मीठे जहर के खिलारी-राज्यसभा की तैयारी



IBN7के प्रतिनिधि (ज्योतिष को मीठा जहर लिखने वाले )और उनकी मन्त्र्दाता,विमान नगर,पूना मे पाँच घंटों के प्रवास मे   गुफ्तगू करते  हुये

कब मैं हिट होउंगी ... और राज्य सभा की सदस्य बनूँगी - आईला




  • आप जल्दी राज्यसभा में पहुंचें,
    मेरी भी शुभकामना है



  •  एक तीसरे ब्लाग पर पाखंड विरोधी लेख पर मेरी  टिप्पणी को ठुकराने का आग्रह इन महाशय ने पोस्ट लेखिका से किया था और मैंने इनके कुतर्क पर क्या कहा था एक नज़र उस पर भी---



     ज़ाहिर है कि कारपोरेट चेनल्स के दलाल/कारिंदे नहीं चाहते कि जनता को जागरूक किया जाये और ढोंग-पाखंड-आडंबर का पर्दाफाश करके उनको शोषण व उत्पीड़न से बचाया जाये। अतः अपने आकाओं के व्यापारिक हितों के संरक्षणार्थ ऐसे लोग सच्चाई को बर्दाश्त नहीं करते और उसका भोंडा विरोध करते हैं ।

    इस कारपोरेट दलाल की मन्त्र्दाता और उसकी शिष्य द्वारा  चार-चार जन्मपत्रियाँ निशुल्क विश्लेषण करवाने के बाद जिस प्रकार इस गंग ने 'ज्योतिष' और मेरे ज्ञान पर प्रहार किए उसी कारण 'जनहित मे' नमक ब्लाग को सार्वजनिक रूप से प्रतिबंधित कर रखा है जिसके माध्यम से उपयोगी 'स्तुतियाँ' प्रस्तुत की थीं। यदि ब्लागर्स /फेसबुक साथी इस गैंग  की निंदा करके  उस ब्लाग से सार्वजनिक लाभ उठाना चाहेंगे तो पुनः 'सार्वजनिक' किया जा सकता है। 
    http://janhitme-vijai-mathur.blogspot.in/?zx=a15232c1af410425 

     इसी प्रकार 14-10-2012 को ज्योतिष एक मीठा जहर शीर्षक से जो लेख इन महोदय ने लिखा था उस पर दो पत्रकारों की टिप्पणिया ये हैं---

    1. मुझे लगता है कि हमे उन्ही विषयो पर लिखना या टिपण्णी करनी चाहिये जिसके बारे मे कुछ समझ रखते हो। ज्योतिष सही है या गलत इस संबंध मे आपने किसी ज्योतिषी की राय नही ली कि आखिर आधार क्या है योटिश का। बेहतर होता आप राय लेकर के उसे तर्को के सहारे कातते । रह गई ग्रह नक्षत्रो की बाद तो ज्वार भाटा के आने का कारण चंद्र्मा की स्थिति मे परिवर्तन है। इन गर्हो के मुमवेंट का असर आदमी के मन और दिमाग पर भी पडता है जिससे बहुत सारे काम और काम करने की क्षमता भी प्रभावित होती है। क्षमा करे , परन्तु आपका यह लेख सतही है।





      1. मदन भाई साहब आप यहां आए स्वागत है।
        आप बताएं फिर तो सबसे पहले मीडिया हाउस को बंद कर दिया जाना चाहिए, क्योंकि हम मेडिकल के बारे में बारे में लिखते है, मैं एमबीबीएस तो है नहीं, रेलवे की इंजीनियरिंग सिस्टम पर हम लिखते हैं हमने इंजीनियरिंग भी नहीं की है। सेना को कवर करने जाते हैं किसी ने सैन्य प्रशिक्षण तो लिया नहीं।

        खैर लेख लिखने के पहले हमने ज्योतिष के बारे में पढने के बाद ही लिखा है। अच्छा होता कि आप लेख में जहां खामियां है उस पर मेरा ध्यान केंद्रित करते।
        फिर भी आपने वक्त दिया ब्लाग पर मैं आभारी हूं..
    2. महेंद्र जी, आप सन्दर्भ बिलकुल सही है और शायद हमें इसी तरह के लेख की जरुरत आज के समय में है. लेकिन एक शिकायत जो आप के साथ साथ सभी मीडिया के साथियों से है वो यह की आप कृपया अपने लेख के शीर्षक का ध्यान रखें. ज्योतिष यानि मीठा जहर का अर्थ एक सामान्य मनुष्य को येही आएगा की आप ज्योतिष को को गलत बता रहे हैं. पर आपने इसने नाम पे जो बुराइयाँ उजागर की हैं वो अति सुन्दर है. शेष अति सुन्दर...
    3. महेंद्र जी, आप सन्दर्भ बिलकुल सही है और शायद हमें इसी तरह के लेख की जरुरत आज के समय में है. लेकिन एक शिकायत जो आप के साथ साथ सभी मीडिया के साथियों से है वो यह की आप कृपया अपने लेख के शीर्षक का ध्यान रखें. ज्योतिष यानि मीठा जहर का अर्थ एक सामान्य मनुष्य को येही आएगा की आप ज्योतिष को को गलत बता रहे हैं. पर आपने इसने नाम पे जो बुराइयाँ उजागर की हैं वो अति सुन्दर है. शेष अति सुन्दर...







      1. आप यहां तक आए, यही काफी है।
        बाकी आप मीडिया के बारे में कितना जानते हैं, मुझे नहीं पता।


     http://krantiswar.blogspot.in/2012/04/blog-post_19.html

    इस लिंक पर मेरा लेख ---'

    बृहस्पतिवार, 19 अप्रैल 2012


    रेखा -राजनीति मे आने की सम्भावना





    और इत्तिफ़ाक से 26 अप्रैल 2012 को राष्ट्रपति महोदया प्रतिभा पाटील जी ने 'रेखा जी' को अन्य दो के साथ 'राज्यसभा' मे मनोनीत कर दिया। मेरा ज्योतिषीय विश्लेषण एक सप्ताह मे सही सिद्ध होने पर अब ज्योतिष को 'मीठा जहर'  बताने वाले कारपोरेट चेनल IBN7 के प्रतिनिधि ने अगले ही दिन 27 अप्रैल को इसकी आलोचना मे पोस्ट दी जिस पर उपरोक्त प्रथम दो टिप्पणिया उन दोनों की मनोदशा को उजागर करने हेतु पर्याप्त हैं।

    ज्योतिष को मीठा जहर बताने पर जहां चापलूसों की फौज ने उन दोनों का पुरजोर समर्थन किया वहीं 'बिहार मीडिया'के संचालक और एडवोकेट साहब ने विमत व्यक्त किया जिस पर इस गरूरी ब्लागर ने -''मदन भाई साहब आप यहां आए स्वागत है।
    आप बताएं फिर तो सबसे पहले मीडिया हाउस को बंद कर दिया जाना चाहिए, क्योंकि हम मेडिकल के बारे में बारे में लिखते है, मैं एमबीबीएस तो है नहीं, रेलवे की इंजीनियरिंग सिस्टम पर हम लिखते हैं हमने इंजीनियरिंग भी नहीं की है। सेना को कवर करने जाते हैं किसी ने सैन्य प्रशिक्षण तो लिया नहीं।''
    यह लिख कर ज़ाहिर भी कर दिया विषय-विशेष के ज्ञान के बगैर उसकी आलोचना करना उनके जाब का हिस्सा है।

    दूसरे पत्रकार जो 'सहारा समय' चेनल मे कार्य कर चुकने के बाद अब रायपुर,छत्तीसगढ़ मे एक  दैनिक अखबार बतौर सम्पादक निकाल रहे हैं  और उनका समर्थन भी कर रहे हैं,सिर्फ 'शीर्षक' पर आपत्ति थी उनको ,तो इस कारपोरेट दलाल ने यह कह कर लताड़ ही दिया-''


    1. आप यहां तक आए, यही काफी है।
      बाकी आप मीडिया के बारे में कितना जानते हैं, मुझे नहीं पता।''
      कितने मज़े की बात है कि,जिसे कुछ नहीं पता होता है वह कितनी अल्हड्ता से ब्लाग सुविधा का दुरुपयोग करता है। 


    पर्यावरण को शुद्ध रखना और ग्रह नक्षत्रों का शमन करना ज्योतिष विज्ञान सिखाता है.हम ज्योतिष के वैज्ञानिक नियमों का पालन कर के अनूठी दुनिया  का अधिक से अधिक लुत्फ़ उठा सकते हैं.आवश्यकता है सच को सच स्वीकार करने की और अपनी इस धरती को तीन लोक से न्यारी बनाने की. 
    http://krantiswar.blogspot.in/2012/10/blog-post_27.html

    चार-चार जन्म्पत्रियों का विश्लेषण पूना के ब्लागर व उनकी पटना की शिष्य ने निशुल्क प्राप्त करने के बाद जो ज्योतिष विरोधी मुहिम चला रखी है वह कितना वाजिब है?

    इस सम्बंध मे विस्तृत वर्णन दिया जा चुका है---

     मीठा जहर कौन? 

    http://vidrohiswar.blogspot.in/2012/10/blog-post_20.html 



     संकलन-विजय माथुर

    Sunday, 21 October 2012

    संप्रग-1 का ज्योतिषीय विवेचन कैसा रहा?

    मई-जूलाई,2004 के 'अग्र मंत्र',आगरा मे मनमोहन सिंह जी के नेतृत्व मे गठित 'संप्रग-1'सरकार की शपथ-कुंडली का विवेचन मैंने दिया था जिसकी स्कैन कापी दी जा रही है । परंतु यह ज़िक्र करना चाहूँगा कि,चुनाव पूर्व आगरा नगर कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष और कायस्थ सभा ,आगरा के तत्कालीन अध्यक्ष श्री चंद्र मोहन शेरी साहब ने मुझसे बाजपाई जी और सोनिया जी के प्रधानमंत्री बनने की संभावना के बारे मे पूछा था और मैंने उनको स्पष्ट कह दिया था कि कोई 'तीसरा' ही बनेगा इन दोनों के ग्रह-नक्षत्र विपरीत हैं। मनमोहन जी के पी एम बनने पर उन्होने यह बात का .स .की कार्यकारिणी बैठक मे सबको बताई भी थी।

    वह सरकार हिचकोले खाते ही चल रही थी जब बामपंथ ने समर्थन वापिस ले लिया था तो 'तकनीकी तौर' पर सरकार का पतन हो ही गया था किन्तु सपा को ब्लैकमेल करके गिनती के आंकड़े पूरे कर लिए गए थे।2009 के चुनावों मे आगरा संसदीय क्षेत्र आरक्षित होने के कारण राज बब्बर वहाँ से चुनाव न लड़ सके और फिर भाजपा को जीत हासिल हो गई। मेरी स्पष्ट चेतावनी थी कि,"डॉ मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री के रूप मे निष्कलंक शासन नहीं कर सकेंगे। " उस समय भी केंद्र सरकार अमेरिकी परमाणु डील पर कलंकित हुई थी और अब तो और भी ज़्यादा कालिख सरकार की साख पर पुत चुकी है। 

    इस पुराने लेख को देना इसलिए आवश्यक समझा कि,ज्योतिष को मीठा जहर बताने वालों के झांसे मे प्रबुद्ध जन न फंसे तथा अपना बुद्धि-विवेक जाग्रत रख सकें । पुराना विश्लेषण तमाम भ्रमों का निवारण करने मे समर्थ है।   



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     संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर

    Friday, 19 October 2012

    भक्त नहीं चोर

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     रोज़ सुबह घर के सामने कुछ घरों मे लगे फूलों को चुराते लोगों को देखते थे और अनुमान था कि ये पाखंडी फूल चुरा कर ढोंग-पूजा मे चढ़ाते होंगे। परंतु आज के अखबार मे लखनऊ के जिलाधिकारी महोदय की श्रीमती जी के इस लेख से इस अनुमान की पुष्टि हो गई। ---


    हिंदुस्तान,लखनऊ,19-10-2012 ,पृष्ठ-04
     संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर

    Thursday, 18 October 2012

    जीवित दुर्गा के दर्शन

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     पौराणिकों ने नारी को दोयम दर्जे का बना दिया है। विशेषकर 'भागवत' पुराण ने भारत का सर्वाधिक अनिष्ट किया है और कारपोरेट दलालों,ढोंगियों-पाखंडियों के द्वारा आज भागवत -पाठ को सनक की हद तक बढ़ावा दे रखा है। नवरात्र की अवधारणा एक वैदिक -विदुषी महिला के दृष्टिकोण से जानें---


     संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर

    Friday, 12 October 2012

    डॉ राम विलास का दर्शन ही भारत मे साम्यवाद ला सकता है

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    हिंदुस्तान,लखनऊ,दिनांक 07-10-2012 मे प्रकाशित यह लेख नितांत महत्वपूर्ण है जिसे दिये लिंक के माध्यम से सुगमता से पढ़ा जा सकता है---
    http://www.livehindustan.com



    डॉ रामविलास शर्मा जी अपने स्पष्ट और सुदृढ़ विचारों के कारण ही आगरा के सेंट जांस कालेज का अपना जाब छोड़ कर दिल्ली मे बस्ने पर मजबूर हुये थे। सुंदर होटल,राजा-की-मंडी स्थित तत्कालीन भाकपा कार्यालय मे उन पर साईकिल की चेन से संकीर्ण लोगों द्वारा प्रहार किया गया और उनको पार्टी मे उत्पीड़ित किया गया था। डॉ शर्मा के दिल्ली चले जाने के काफी समय बाद उनके दोनों हमलावर पार्टी के ज़िला मंत्री भी बने। जिस प्रकार ढ़ोंगी  पोंगापंथी कुतर्क के अतिरिक्त कुछ नहीं सुनना चाहते उसी प्रकार साम्यवादी पोंगापंथी भी कुतर्क के अतिरिक्त कुछ नहीं सुनना चाहते जिस कारण डॉ साहब पर आघात किया गया था।

    वस्तुतः डॉ रामविलास शर्मा जी बिलकुल हकीकत बता रहे हैं कि हमारा वेदिक दर्शन समष्टिवाद अर्थात आधुनिक साम्यवाद पर आधारित है। भारत मे शोषित-दमित जनता को जागरूक करने और अपने अधिकारों के प्रति सचेत करने मे डॉ शर्मा जी की खोज व्यापक मददगार साबित होगी। मैंने अपने ब्लाग 'क्रांतिस्वर' के माध्यम से कई लेख इस दिशा मे दिये हैं जो डॉ साहब के दर्शन के संबंध मे सही माने जाने चाहिए थे किन्तु पोंगापंथी साम्यवादी विद्वानों ने भी उनकी आलोचना की है। कुछ लिंक इस प्रकार हैं---http://krantiswar.blogspot.in/2012/07/blog-post_24.html

    http://krantiswar.blogspot.in/2012/07/blog-post_22.html

    http://krantiswar.blogspot.in/2012/08/blog-post_9.html

    http://krantiswar.blogspot.in/2011/11/blog-post_21.html

    http://krantiswar.blogspot.in/2011/12/blog-post.html






    संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर

    Thursday, 11 October 2012

    सेफिल साहब काँटों के बीच गुलाब हैं

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    हिंदुस्तान,लखनऊ,दिनांक 11-10-2012


     संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर

    Wednesday, 10 October 2012

    राज्यसभा सदस्य 'रेखा जी' को जन्मदिन की हार्दिक मंगलकामनाए-






    राज योग 

    दशम भाव मे कन्या राशि का सूर्य 'रेखा' को 'राज्य-भंग ' योग भी प्रदान कर रहा है। इसका अर्थ हुआ कि पहले उन्हें 'राज्य-सुख 'और 'राज्य से धन'प्राप्ति होगी फिर उसके बाद ही वह भंग हो सकता है। लग्न मे बैठा 'राहू' भी उन्हें राजनीति-निपुण बना रहा है। एकादश भाव मे बैठा उच्च का 'शनि' उन्हें 'कुशल प्रशासक' बनने की क्षमता प्रदान कर रहा है। नवम  भाव मे 'सिंह' राशि का होना जीवन के उत्तरार्द्ध मे सफलता का द्योतक है। अभी वह कुंडली के दशम भाव मे 58 वे वर्ष मे चल रही हैं और आगामी जन्मदिन (10-10-2012) के बाद एकादश भाव मे 59 वे वर्ष मे प्रवेश करेंगी। समय उनके लिए अनुकूल चल रहा है।

    राज्येश'बुध' की महादशा मे 12 अगस्त 2010 से 23 फरवरी 2017 तक की अंतर्दशाये भाग्योदय कारक,अनुकूल सुखदायक और उन्नति प्रदान करने वाली हैं। 24 फरवरी 2017 से 29 जून 2017 तक बुध मे 'सूर्य' की अंतर्दशा रहेगी जो लाभदायक राज्योन्नति प्रदान करने वाली होगी।

    अभी तक रेखा के किसी भी राजनीतिक रुझान की कोई जानकारी किसी भी माध्यम से प्रकाश मे नहीं आई है ,किन्तु उनकी कुंडली मे प्रबल राज्य-योग हैं। जब ग्रहों के दूसरे परिणाम चरितार्थ हुये हैं तो निश्चित रूप से इस राज्य-योग का भी लाभ मिलना ही चाहिए। हम 'रेखा' के राजनीतिक रूप से भी सफल होने की मंगलकामना करते हैं।

    http://krantiswar.blogspot.in/2012/09/blog-post_5.html


    संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर

    Monday, 8 October 2012

    यात्रा मे सुरक्षा

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     lhttp://krantiswar.blogspot.in/2011/09/blog-post_09.html

     09-09-2011 को मैंने -'युवाओं जीवन अनमोल है इसकी रक्षा करो' शीर्षक के अंतर्गत यात्रा की सावधानियों और सुरक्षा के उपाय बताए थे और इसी उद्देश्य से 'जनहित मे' ब्लाग के अंतर्गत स्तुतिए देना प्रारम्भ किया था । किन्तु पूना प्रवासी और उसके पटना प्रवासी जासूस ब्लागर्स द्वारा मुझसे निशुल्क ज्योतिषीय लाभ उठाने के बाद मेरे विरुद्ध घृणित अभियान चलाये जाने के बाद (जिसे IBN7 के एक ब्लागर द्वारा काफी हवा दी गई )वह ब्लग सार्वजनिक रूप से हटा लिया। हिंदुस्तान,लखनऊ दिनांक 07-10-2012 मे प्रकाशित इस हादसे जिसमे चालक ने अपनी पत्नी और बेटी को गंवा दिया तथा 08 अक्तूबर के अंक मे भी एक युवक के सड़क हादसे मे जान गंवा देने का समाचार देख कर यह लिंक दे रहा हूँ कि यदि कोई दी गई स्तुति का लाभ उठा कर अपने जीवन की रक्षा करना चाहे तो कर सके।







    हिंदुस्तान,लखनऊ,दिनांक-07-10-2012

     संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर

    Friday, 21 September 2012

    फेसबुक का सार्थक सदुपयोग



    लखनऊ,20 सितंबर 2012,आज प्रातः 10-30 बजे 22 क़ैसर बाग ,भाकपा के
    प्रदेश कार्यालय पर भाकपा,माकपा,फारवर्ड ब्लाक और जन संघर्ष मोर्चा के नेता गण एवं कार्यकर्ता एकत्र होकर झंडे,बैनर एवं नारे लिखी तख्तियाँ लेकर एफ डी आई ,डीजल मूल्य वृद्धि एवं गैस सिलिंडरों मे कटौती के केंद्र सरकार के जन-विरोधी निर्णयों के विरुद्ध विभिन्न बाज़ारों मे जुलूस के रूप मे प्रदर्शन करते हुये पहुंचे। दूकानदारों ने स्वतः ही
    अपने प्
    रतिष्ठान बंद किए थे और जगह-जगह जुलूस का अभिवादन व स्वागत किया। प्रेस फोटोग्राफरों एवं विभिन्न चेनलों के प्रतिनिधियों मे जुलूस की फोटोग्राफी करने की होड लगी हुई थी। कुछ चेनलों ने सीधे प्रसारण की भी व्यवस्था की हुई थी। जुलूस मे जो नारे लगाए गए उनमे प्रमुख थे-
    जो अमेरिका का यार है ,वह देश का गद्दार है।
    अमेरिका के दलाल,कमीशंनखोर-मनमोहन सिंह गद्दी छोड़।
    रिटेल मे एफ डी आई ,नहीं चलेगा-नहीं चलेगा।
    एफ डी आई,डीजल मूल्य वृद्धि-वापस लो,वापस लो ।
    गैस सिलिंडरों मे कटौती -वापस लो,वापस लो।
    वाल मार्ट -गो बैक,गो बैक।
    बामपंथी मोर्चा -ज़िंदाबद,ज़िंदाबाद।
    भाकपा,माकपा,फारवर्ड ब्लाक,जन संघर्ष मोर्चा -ज़िंदाबाद,ज़िंदाबाद।
    भाकपा के राष्ट्रीय सचिव -अतुल अंजान,प्रदेश सचिव-डॉ गिरीश,सह-सचिव--डॉ अरविंद राज स्वरूप,इप्टा के प्रदेश सचिव -डॉ राकेश,भाकपा-लखनऊ के ज़िला मंत्री-कामरेड मोहम्मद ख़ालिक़,दोनों सह सचिव-कामरेड दिवेदी और कामरेड अवस्थी,कामरेड वीर बहादुर सिंह यादव, कामरेड विजय राज बली माथुर,फारवर्ड ब्लाक के प्रदेश अध्यक्ष -राम किशोर और उनके साथी राधेश्याम,सी पी एम के डॉ कश्यप और उनके साथी,जनसंघर्ष मोर्चा के दिनकर कपूर और उनके साथियों की उपस्थिती विशेष उल्लेखनीय थी।

    आज के भारत बंद मे जनता और व्यापारियों का व्यापक सहयोग मिला जो यह बताता है कि मनमोहन सरकार की अमेरिका परस्त नीतियों के विरुद्ध आम जन काफी आक्रोशित है। आज पुलिस का भी रुख सहयोगात्मक था क्योंकि वे भी तो सरकारी नीतियों के दुष्परिणामों को भोग रहे हैं।

    • Shivkumar Choubey YE JARURI HAI
    • भूपट शूट ठीक हैं इस बार बंद तो स्वतःस्पूर्त था. क्या इनके पास देशी लुटेरों का कोई वैकल्पिक ढ़ांच हैं या नहीं. भाई हम भी विरोध के नाम विरोध तो कही नहीं कर रहे. हाँ मेरे पास तो वैकल्पिक चिंतन भी हैं. मैं उस अधर पर ही लिखता हूँ.
    • Madan Tiwary अभी जरुरत विदेशी लुटेरो को रोकने की है, उसके बाद देशी लूटेरे जो कालाधन दबाये हुये हैं, उनकि संपति जप्त कर के आम जन मे बातना भी एक आवश्यक कदम है।
    • Madan Tiwary मैने भी बंद का समर्थन किया, बंद करीब-करीब स्वैच्छिक था लेकिन जैसा की हमारे देश के कुछ दलो के कार्यकर्ताओं की आदत मे शुमार है, वे जबर्दस्ती भी करते हुये दिखें , मन खिन्न हो गया मे गया में जदयू के कार्यकर्ताओं की हरकत देखकर , साम्यवादियों का रवैया बहुत अच्छा था।
    • भूपट शूट ठीक हैं हम भी तो कहते व करते तो यही हैं पर मेने गहरा सवाल लिया हैं. मुझे दुःख इस बात हैं कि ''हिंदूवादी'', मार्क्सवादी, लोहियावादी व अम्बेडकरवादी तथा अन्य सभी विचारक तो दोनों धाराओ- देशी व विदेशी, का विरोध तो कर रहे हैं मगर अभी तक विकल्प देने में असमर्थ हैं . इन्होने नई आर्थिक नीतियों के नाम पर सभी ने विरोध किया मगर वैकल्पिक निति किसी के पास इस भूमंडलीकरण के दोर में नहीं दिखती . वे अपनी जन्मस्थली, परिवेशिकी, संस्कृति व कर्मस्थली के धरातल पर खड़े होकर जबतक नहीं समझेंगे, सोचेंगे व विचार नहीं करेंगे तक तक उनके पास ना तो देशी लुटरों को रोकने का उपाय दिखेगा व ना ही FDI का सार्थक विकल्प दे पाएंगे .
      आज हम जिस स्थति में पहुंचे हैं वंहा चोतरफा मिलावट, धोखाधड़ी, जमाखोरी, कालाबाजारी, लूटखसोट, बईमानी व चोरी का इतना बोलबाला हैं की अब हम अपने आपको उनके शिकंजे व जबड़े में पाते हैं. इसके बावजूद हम तो FDI का सार्थक विरोध ही कर रहे हैं.
    • भूपट शूट मित्र, मैं भी आप जेसे ही सोचता हूँ.
    • Madan Tiwary @भूपट शूट हां आपका कहना सही है , बहुत सारे बदलाव और कदम उठाने की जरुरत है, दिक्कत यह है कि जैसे हीं सता का परिवर्तन होता है, हम आंदोलन के लक्ष्य को भुलकर सता का आनंद लेने मे मशगुल हो जाते हैं। आज जिस एफ़ डी आई का विरोध हो रहा है , या गैस सिलेंडर की बात उठ रही है , उसके पक्ष मे सबसे पहले भाजपा खदी थी। यह दोहरा चरित्र है हमारे देश के दलो का। लेकिन जो सबसे पहले आवश्यक है, वह है सरकार के निर्णय का विरोध । सरकार बदलने से कुछ नही होनेवाला। भाजपा ी ीीी है कि किसी तरह सता परिवर्तन हो । उसे अपने पाप का प्रायश्चित करना होगा ।
    • Vijai RajBali Mathur Madan जी एवं भूपट शूट जी आपके उपरोक्त वार्तालाप को भाकपा राज्य सचिव,सहायक सचिव और कोषाध्यक्ष उत्तर प्रदेश को ई मेल द्वारा संदर्भित कर दिया है।
    • Madan Tiwary Vijai RajBali Mathur धन्यवाद सर जी , मैने भी आज सीआइएम एल के नेताओ को धन्यवाद दिया शांतिपूर्ण बंद करवाने के लिये।
    • भूपट शूट विजय जी.मेरी एक पोस्ट भी १० बजे तक आएगी . बड़ी विचारोताजक होगी.
    • Yashwant Mathur @भूपट शूट जी अपनी पोस्ट का लिंक यहाँ और जनहित ग्रुप मे भी दे दीजिएगा।
    • भूपट शूट Vijai RajBali Mathur जी मेरा नोट इसी मुधे पर पढ़ ले !
    • भूपट शूट ...See More


       इस बार का भारत बंद स्वतःस्पूर्त रहा. हम इसका यश जनता को अधिक दे सकते हैं जिसने
      आगे बढ़कर इसे सफल बनाया. इस बार व्यापारिक तबका भी आम कर्यकर्ता जितना ही सक्रीय दिखा. उसे भी कहिन कहिन यह लग रहा हैं कि FDI कि मार उस पर पड़नी हैं तथा वह डीजल तथा गेस कि मार को तो पहले ...






     संकलन-विजय माथुर, फौर्मैटिंग-यशवन्त माथुर